अकबर-बीरबल की कहानी: जोरू का गुलाम | Joru Ka Gulam Story In Hindi
UTTAM YADAV द्वारा लिखितOCtober 12,2021

एक बार की बात है, राजा अकबर व बीरबल दरबार में बैठे कुछ अहम मामलों पर चर्चा कर रहे थे। तभी बीरबल ने अकबर से कहा, “मुझे लगता है कि ज्यादातर पुरुष जोरू के गुलाम होते हैं और अपनी पत्नियों से डर कर रहते हैं।” बीरबल की यह बात राजा को बिल्कुल भी पसंद न आई। उन्होंने इस बात का विरोध किया।
इतनी अधिक मुर्गियां महल में जमा हो जाने के बाद भी जब राजा अकबर बीरबल की बात से सहमत नहीं हुए, तो बीरबल ने अपनी बात सिद्ध करने के लिए एक नया उपाय निकाला। एक दिन बीरबल राजा के पास गए और बोले, “महाराज! मैंने सुना है कि पड़ोस के राज्य में एक बहुत की खूबसूरत राजकुमारी रहती है। अगर आप चाहें, तो क्या मैं आपका रिश्ता वहां पक्का कर आऊं?”
यह सुनकर बीरबल ने तपाक से जवाब दिया, “चलिए महाराज, फिर तो आप भी मेरे पास दो मुर्गियां जमा करा ही दीजिए।”
राजा बीरबल का ऐसा जवाब सुनकर शरमा गए और उन्होंने अपना आदेश उसी वक्त वापस ले लिया।
कहानी से सीख –
अकबर बीरबल की इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि बातों की चतुराई से हम किसी भी बात को मनवा सकते हैं। जरूरत है, तो बस बीरबल की तरह चतुराई से अपना पक्ष रखने की।